सुरु अल्लाह के नाम से
जो बड़ा कृपाशील अत्यन्त दयावान हैl
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☆ साक्षी है आकाश, और रात में प्रकट होनेवाला - (1)
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☆ और तुम क्या जानो कि रात में प्रकट होनेवाला क्या है? (2)
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☆ दमकता हुआ तारा! - (3)
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☆ कि हर एक व्यक्ति पर एक निगरानी करनेवाला नियुक्त है। (4)
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☆ अतः मनुष्य को चाहिए कि देखे कि वह किस चीज़ से पैदा किया गया है। (5) _______________________________
☆ एक उछलते पानी से पैदा किया गया है, (6)
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☆ जो पीठ और पसलियों के मध्य से निकलता है। (7)
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☆ निश्चय ही वह उसके लौटा देने की सामर्थ्य रखता है। (8) ______________________________
☆ जिस दिन छिपी चीज़ें परखी जाएँगी, (9)
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☆ तो उस समय उसके पास न तो अपनी कोई शक्ति होगी और न कोई सहायक। (10)
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☆ साक्षी है आवर्तन (लोट-फेर)वाला आकाश, (11)
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☆ और फट जानेवाली धरती। (12)
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☆ वह दो-टूक बात है, (13)
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☆ वह कोई हँसी-मज़ाक़ नहीं है (14)
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☆ वे एक चाल चल रहे हैं, (15)
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☆ और मैं भी एक चाल चल रहा हूँ। (16)
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☆ अतः मुहलत दे दो उन इनकार करनेवालों को; मुहलत दे दो उन्हें थोड़ी-सी। (17)
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