सुरु अल्लाह के नाम से
जो बड़ा कृपाशील अत्यन्त दयावान है।
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☆ अल्लाह की तसबीह कर रही है हर वह चीज़ जो आकाशों में है और जो धरती में है, जो सम्राट है, अत्यन्त पवित्र, प्रभुत्वशाली तत्वदर्शी। (1)
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☆ वही है जिसने उम्मियों में उन्हीं में से एक रसूल उठाया जो उन्हें उसकी आयतें पढ़कर सुनाता है, उन्हें निखारता हैऔर उन्हें किताब और हिकमत (तत्वदर्शिता) की शिक्षा देताहै, यद्यपि इससे पहले तो वे खुली हुई गुमराही में पड़े हुए थे, -(2)
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☆ और उन दूसरे लोगों को भी (किताब और हिकमत की शिक्षा दे)जो अभी उनसे मिले नहीं हैं, वेउन्हीं में से होंगे। और वही प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है।(3)
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☆ यह अल्लाह का उदार अनुग्रहहै, जिसको चाहता है उसे प्रदान करता है। अल्लाह बड़े अनुग्रह का मालिक है। (4)
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☆ जिन लोगों पर तौरात का बोझ डाला गया, किन्तु उन्होंने उसे न उठाया, उनकी मिसाल उस गधे की-सी है जो किताबें लादे हुए हो। बहुत ही बुरी मिसाल है उन लोगों की जिन्होंने अल्लाह की आयतों को झुठला दिया। अल्लाह ज़ालिमों को सीधा मार्ग नहीं दिखाया करता। (5)
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☆ कह दो, "ऐ लोगो, जो यहूदी हुए हो! यदि तुम्हें यह गुमान है कि सारे मनुष्यों को छोड़कर तुम ही अल्लाह के प्रेमपात्र हो तो मृत्यु की कामना करो, यदि तुम सच्चे हो।"(6)
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☆ किन्तु वे कभी भी उसकी कामना न करेंगे, उस (कर्म) के कारण जो उनके हाथों ने आगे भेजा है। अल्लाह ज़ालिमों को भली-भाँति जानता है। (7)
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☆ कह दो, "मृत्यु जिससे तुम भागते हो, वह तो तुम्हें मिलकर रहेगी, फिर तुम उसकी ओर लौटाए जाओगे जो छिपे और खुले का जाननेवाला है। और वह तुम्हें उससे अवगत करा देगा जो कुछ तुम करते रहे होगे।" - (8)
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☆ ऐ ईमान लानेवालो, जब जुमा के दिन नमाज़ के लिए पुकारा जाए तो अल्लाह की याद की ओर दौड़ पड़ो और क्रय-विक्रय छोड़ दो। यह तुम्हारे लिए अच्छा है, यदि तुम जानो। (9)
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☆ फिर जब नमाज़ पूरी हो जाए तो धरती में फैल जाओ और अल्लाह का उदार अनुग्रह (रोज़ी) तलाश करो, और अल्लाह को बहुत ज़्यादा याद करते रहो, ताकि तुम सफल हो। - (10)
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☆ किन्तु जब वे व्यापार और खेल-तमाशा देखते हैं तो उसकी ओर टूट पड़ते हैं और तुम्हें खड़ा छोड़ देते हैं। कह दो,"जो कुछ अल्लाह के पास है वह तमाशे और व्यापार से कहीं अच्छा है। और अल्लाह सबसे अच्छा आजीविका प्रदान करनेवाला है।" (11)
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