सुरु अल्लाह के नाम से
जो बड़ा कृपाशील अत्यन्त दयावान है।
www.achhiblog.blogspot.in
« सूरह (अध्याय ) « Go To
पिछला / अगला (अध्याय)
Next / Privew
●═══════════════════✒
☆ साक्षी है जो हाँफते-फुँकार मारते हुए दौड़ते हैं,(1)
_______________________________
☆ फिर ठोकरों से चिनगारियाँ निकालते हैं, (2)
_______________________________
☆ फिर सुबह सवेरे धावा मारतेहोते हैं, (3)
_______________________________
☆ उसमें उठाया उन्होंने गर्द-ग़ुबार। (4)
_______________________________
☆ और इसी हाल में वे दल में जा घुसे। (5)
_______________________________
☆ निस्संदेह मनुष्य अपने रब का बड़ा अकृतज्ञ है, (6)
_______________________________
☆ और निश्चय ही वह स्वयं इसपर गवाह है! (7)
_______________________________
☆ और निश्चय ही वह धन के मोह में बड़ा दृढ़ है। (8)
_______________________________
☆ तो क्या वह जानता नहीं जब उगलवा लिया जाएगा जो क़ब्रों में है। (9) _______________________________
☆ और स्पष्ट अनावृत्त कर दिया जाएगा जो कुछ सीनों में है। (10) _______________________________
☆ निस्संदेह उनका रब उस दिन उनकी पूरी ख़बर रखता होगा। (11)
●═══════════════════✒
www.achhiblog.blogspot.in
« सूरह (अध्याय ) « Go To
पिछला / अगला (अध्याय)
Next / Privew
Currently have 0 comment plz: