सुरु अल्लाह के नाम से
जो बड़ा कृपाशील अत्यन्त दयावान है।
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☆ साक्षी है बुर्जोंवाला आकाश, (1)
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☆ और वह दिन जिसका वादा किया गया है, (2)
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☆ और देखनेवाला, और जो देखा गया। (3)
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☆ विनष्ट हों खाईवाले, (4)
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☆ ईंधन भरी आगवाले, (5)
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☆ जबकि वे वहाँ बैठे होंगे। (6)
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☆ और वे जो कुछ ईमानवालों के साथ करते रहे, उसे देखेंगे। (7)
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☆ उन्होंने उन (ईमानवालों) सेकेवल इस कारण बदला लिया और शत्रुता की कि वे उस अल्लाह पर ईमान रखते थे जो अत्यन्त प्रभुत्वशाली, प्रशंसनीय है,(8)
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☆ जिसके लिए आकाशों और धरती की बादशाही है। और अल्लाह हर चीज़ का साक्षी है। (9)
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☆ जिन लोगों ने ईमानवाले पुरुषों और ईमानवाली स्त्रियों को सताया और आज़माइश में डाला, फिर तौबा न की, निश्चय ही उनके लिए जहन्नम की यातना है और उनके लिए जलने की यातना है। (10)
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☆ निश्चय ही जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए उनके लिए बाग़ हैं, जिनके नीचे नहरें बह रही होंगी। वहीहै बड़ी सफलता। (11)
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☆ वास्तव में तुम्हारे रब कीपकड़ बड़ी ही सख़्त है। (12)
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☆ वही आरम्भ करता है और वही पुनरावृत्ति करता है, (13)
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☆ वह बड़ा क्षमाशील, बहुत प्रेम करनेवाला है, (14)
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☆ सिंहासन का स्वामी है, बड़ा गौरवशाली, (15)
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☆ जो चाहे उसे कर डालनेवाला।(16)
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☆ क्या तुम्हें उन सेनाओं कीभी ख़बर पहुँची है, (17)
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☆ फ़िरऔन और समूद की? (18)
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☆ नहीं, बल्कि जिन लोगों ने इनकार किया है, वे झुठलाने में लगे हुए हैं; (19)
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☆ हालाँकि अल्लाह उन्हें घेरे हुए है, उनके आगे-पीछे से। (20)
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☆ नहीं, बल्कि वह तो गौरवशाली क़ुरआन है, (21)
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☆ सुरक्षित पट्टिका में अंकित है। (22)
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