feat0

Another Post with Everything In It

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetuer adipiscing elit. Curabitur quam augue, vehicula quis, tincidunt vel, varius vitae, nulla. Sed convallis orci. Duis libero orci, pretium a, convallis quis, pellentesque a, dolor. Curabitur vitae nisi non dolor vestibulum consequat.

Read More
feat2

A Post With Everything In It

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetuer adipiscing elit. Curabitur quam augue, vehicula quis, tincidunt vel, varius vitae, nulla. Sed convallis orci. Duis libero orci, pretium a, convallis quis, pellentesque a, dolor. Curabitur vitae nisi non dolor vestibulum consequat.

Read More
feat3

Quotes Time!

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetuer adipiscing elit. Curabitur quam augue, vehicula quis, tincidunt vel, varius vitae, nulla. Sed convallis orci. Duis libero orci, pretium a, convallis quis, pellentesque a, dolor. Curabitur vitae nisi non dolor vestibulum consequat. Proin vestibulum. Ut ligula. Nullam sed dolor id odio volutpat pulvinar. Integer a leo. In et eros

Read More
feat4

Another Text-Only Post

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetuer adipiscing elit. Sed eleifend urna eu sapien. Quisque posuere nunc eu massa. Praesent bibendum lorem non leo. Morbi volutpat, urna eu fermentum rutrum, ligula lacus interdum mauris, ac pulvinar libero pede a enim. Etiam commodo malesuada ante. Donec nec ligula. Curabitur mollis semper diam.

Read More
feat5

A Simple Post with Text

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetuer adipiscing elit. Sed eleifend urna eu sapien. Quisque posuere nunc eu massa. Praesent bibendum lorem non leo. Morbi volutpat, urna eu fermentum rutrum, ligula lacus interdum mauris, ac pulvinar libero pede a enim. Etiam commodo malesuada ante. Donec nec ligula. Curabitur mollis semper diam.

Read More

अवसर -Time, Moka

Posted by . | | Category: |

अवसर -प्रेरक कहानी



एक बार एक ग्राहक चित्रो की दुकान पर गया ।
उसने वहाँ पर अजीब से चित्र देखे।
पहले चित्र मे चेहरा पूरी तरह बालो से ढँका हुआ था
और पैरोँ मे पंख थे।
एक दूसरे चित्र मे सिर पीछे से गंजा था।
ग्राहक ने पूछा – यह चित्र किसका है?
दुकानदार ने कहा – अवसर का ।
ग्राहक ने पूछा – इसका चेहरा बालो से ढका क्यो है?
दुकानदार ने कहा -क्योंकि अक्सर जब अवसर
आता है तो मनुष्य उसे पहचानता नही है ।
ग्राहक ने पूछा – और इसके पैरो मे पंख क्यो है?
दुकानदार ने कहा – वह इसलिये
कि यह तुरंत वापस भाग जाता है,
यदि इसका उपयोग न हो
तो यह तुरंत उड़ जाता है ।
ग्राहक ने पूछा – और यह दूसरे चित्र मे
पीछे से गंजा सिर किसका है?
दुकानदार ने कहा – यह भी अवसर का है ।
यदि अवसर को सामने से ही
बालो से पकड़ लेँगे तो वह आपका है ।
अगर आपने उसे थोड़ी देरी से
पकड़ने की कोशिश की तो
पीछे का गंजा सिर हाथ आयेगा
और वो फिसलकर निकल जायेगा ।
वह ग्राहक
इन चित्रो का रहस्य जानकर हैरान था
पर अब वह बात समझ चुका था ।
आपने कई बार दूसरो को ये कहते हुए सुनाहोगा
या खुद भी कहा होगा
कि ’हमे अवसर ही नही मिला’
लेकिन ये अपनी जिम्मेदारी से भागने
और अपनी गलती को छुपाने का बस एक बहाना है ।
भगवान ने हमे ढेरो अवसरो के बीच जन्म दिया है ।
अवसर हमेशा हमारे सामने से आते जाते रहते है
पर हम उसे पहचान नही पाते या पहचानने मे देर कर देते है ।
और कई बार हम सिर्फ इसलिये चूक जाते है
क्योकि हम बड़े अवसर के ताक मे रहते हैं ।
पर अवसर बड़ा या छोटा नही होता है ।
हमे हर अवसर का भरपूर उपयोग करना चाहिये ।

Dosto,
Ausar chhota ho ya bara Ausar-Ausar HOta hai
Rupya 1/- ho ya 1000/- ho wah Apne Aap me bahot BARA hai
Samay 1 Secend ho ya 1 Din ho Samay hota hai
Mouka(Ausar),Time Laut kar wapas nahi aata hai
Unse pucho samay ki kimat jinki train 1Secend k liye chhut jati hai,
Unse pucho samay jinki Sanse 1 Secend k liye chhut jati hai
Disto ,
Right Time is inesial face
Right Direction is Education
Education= Jankari
Jankari=kisi bhi kaam ka jankari lena
Sun kar, Dekh kar, Soch kar Ya Action se Education kahte hai!!!!!
और मैं आशा करता हूँ
मेरा इस कहानी को लिखना जरूर सार्थक होगा
Insha ALLAH

Currently have 0 comment plz:


Leave a Reply

© 2010 www.achhiblog.blogspot.in |Blogger Author BloggerTheme
powered by Blogger | WordPress by camelgraph | Converted by BloggerTheme.