गीतों ने हमें जीना सिखाया ।
गज़ल ने मोहब्बत सिखाई है ॥
हर गीत हमारा अपना है ।
हर गीत हमारी कहानी है ॥
Aane wala pal... Jane wala hai
आनेवाला पल जानेवाला है
हो सके तो इस में जिन्दगी बिता दो
पल जो ये जानेवाला है
एक बार यूँ मिली मासूम सी कली
खिलते हुए कहाँ खुशबाश मैं चली
देखा तो यहीं है, ढूंढा तो नहीं है
पल जो ये जानेवाला है
एक बार वक्त से लम्हा गिरा कहीं
वहा दास्तां मिली, लम्हा कहीं नहीं
थोडासा हँंसा के, थोडासा रुला के
पल ये भी जानेवाला ह
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गीतकार : शकिल बदायुनी,
गायक: मोहम्मद रफी,
संगीतकार : नौशाद,
चित्रपट : बैजू बावरा - १९५२ /
Lyricist : Shakeel Badayuni,
Singer : Mohammad Rafi,
Music Director : Naushad,
Movie : Baiju Bawra - 1952
निर्धन का घर लूटनेवालों, लूट लो दिल का प्यार|
प्यार वो धन हैं जिस के आगे, सब धन हैं बेकार|
इन्सान बनो, इन्सान बनो, कर लो भलाई का कोई काम|
दुनियाँ से चले जाओगे, रह जायेगा बस नाम|
जिस बाग में सूरज भी निकलता हैं लिए गम|
फूलों की हसी देख के रो देती हैं शबनम|
कुछ देर की खुशियाँ हैं, तो कुछ देर का मातम|
किस नींद में हो जागो, ज़रा सोच लो अंजाम|
लाखों यहाँ शान अपनी दिखाते हुए आये
दम भर के लिए नाच गये धूप में साये
वो भूल गये थे के येदुनियाँ हैं सराये
आता हैं कोई सुबह, तो जाता हैं कोई शाम
क्यो तुमने लगाये हैं यहाँ ज़ुल्म के ढेरे
धन साथ ना जायेगा, बने क्यो हो लुटेरे
पीते हो ग़रीबों का लहू शाम सवेरे
खुद पाप करो, नाम होशैतान का बदनाम
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