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दिल को छु लेने वाली दो दोस्तो की सच्ची कहान

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दिल को छु लेने वाली सच्ची कहानीः-
दो दोस्त थे,
सगे भाईयो से ज्यादा प्यार था उनमें।
एक दुसरे के बिना एक पल भी नहीं रह पाते थे।
अगर दूर होते तो फेसबुक पे एक दुसरे की
वाल पे छेड़खानी
और हँसी मजाक पोस्ट करते रहते थे।
एक बार किसी बात पे
उनमें बहुत ज्यादा मतभेद हो गया।
दोनो एक दुसरे से बोलचाल बन्द कर दिये।
फेसबुक पे भी दोनो अनफ्रेण्ड हो गये।
एक हफ्ता बाद
एक दोस्त अपना सारा इगो भूल कर के
दुसरे को फोन मिलाया।
पर फोन नहीं लग पाया।
वो उसके घर गया
तो देखा की दुसरा दोस्त बेड पर पड़ा है।
उसकी तवियत सिरियस थी।
दोनो दोस्त गले मिलकर खूब रोये।
फिर बैठ कर काफी देर बाते की।
बिमार दोस्त ने कहा की
वादा कर
तू हमेशा मेरे फेसबुक वाल पे पोस्ट करता रहेगा।
पहले दोस्त ने वादा कर दिया।
घर आकर उसने अपने बिमार दोस्त को
फ्रेण्ड रिक्वेस्ट भेज दिया।
मगर बिमार दोस्त औनलाईन ना होने की वजह से
रिक्वेस्ट तक नहीं एक्सेप्ट कर पाया।
अचानक सुबह पता चला की
बिमार दोस्त की मौत
उसकी जिन्दगी को मात दे दि।
आज वो दोस्त अपने दुसरे दोस्त के वाल पे
'मिस यु'लिखने के लिये तड़पता है।
पर लिख नहीं पाता।
आज तक फ्रेण्ड रिक्वेस्ट पेन्डिंग है उसकी।

* दोस्तो चार दिन की जिन्दगी है *
आपस में मनमुटाव होते है।
मगर उसे जितना जल्द हो सके
दूर कर लेना चाहिये।
क्योंकी समय किसी को
पछताने का मौका तक नहीं देता।।।

सबसे कीमती चीज है, वो है आपका जीवन.

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एक जाने-माने स्पीकर ने
हाथ में पांच सौ का नोट लहराते हुए
अपनी सेमीनार शुरू की.
हाल में बैठे सैकड़ों लोगों से उसने पूछा ,
” ये पांच सौ का नोट कौन लेना चाहता है?”
हाथ उठना शुरू हो गए.

फिर उसने कहा ,
” मैं इस नोट को
आपमें से किसी एक को दूंगा
पर  उससे पहले
मुझे ये कर लेने दीजिये .
” और उसने नोट को अपनी मुट्ठी में
चिमोड़ना शुरू कर दिया.
और  फिर उसने पूछा,
” कौन है जो अब भी यह नोट लेना चाहता है?”
अभी भी लोगों के हाथ उठने शुरू हो गए.

“अच्छा”
उसने कहा,
” अगर मैं ये कर दूं ?
” और उसने नोट को
नीचे गिराकर
पैरों से कुचलना शुरू कर दिया.
उसने नोट उठाई ,
वह बिल्कुल चिमुड़ी
और गन्दी हो गयी थी.

” क्या अभी भी कोई है
जो इसे लेना चाहता है?”.
और एक  बार  फिर
हाथ उठने शुरू हो गए.

” दोस्तों  , आप लोगों ने आज
एक बहुत महत्त्वपूर्ण पाठ सीखा है.
मैंने इस नोट के साथ इतना कुछ किया
पर फिर भी आप इसे लेना चाहते थे
क्योंकि ये सब होने के बावजूद
नोट की कीमत घटी नहीं,
उसका मूल्य अभी भी 500 था.

जीवन में कई बार हम गिरते हैं,
हारते हैं,
हमारे लिए हुए निर्णय
हमें मिटटी में मिला देते हैं.
हमें ऐसा लगने लगता है कि
हमारी कोई कीमत नहीं है.
लेकिन आपके साथ चाहे जो हुआ हो
या भविष्य में जो हो जाए ,
आपका मूल्य कम नहीं होता.
आप स्पेशल हैं,
इस बात को कभी मत भूलिए.

कभी भी बीते हुए कल की निराशा को
आने वाले कल के सपनो को
बर्बाद मत करने दीजिये.
याद रखिये आपके पास
जो सबसे कीमती चीज है,
वो है आपका जीवन.”

स्वाद अपनी मेहनत की कमाई से सिंकी रोटी में ह

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हातिम और एक लकड़हारा

स्वाद अपनी मेहनत की कमाई से सिंकी रोटी में है,

हातिम अरब के एक कबीले का सरदार था।
वह बहुत बड़ा दानी था।
परोपकार की भावना उसमें कूट-कूट कर भरी हुई थी।
एक शाम कुछ लोग हातिम के पास बैठे थे।
उनमें से एक ने पूछा,'हातिम साहब,
क्या आपने कभी अपने से बड़े आदमी को देखा है?'
हातिम बोला, 'हां,
मैंने अपने आप से बहुत बड़ा एक इंसान देखा है।
जो बहुत ही साहसी, परिश्रमी और ईमानदार था।' '
लोग ने पूछा वह कौन था
मेहरबानी करके हमें बताइए कि वह कौन था
और कहां था?
आप से वह किस तरह से बड़ा था?'
सभी ने उत्सुकतापूर्वक एक साथ जानना चाहा।
हातिम ने बात आगे बढ़ाई, '
एकदिन अरब के कुछ मालदारों के लिए मैंने बड़ी दावत रखी।
वैसे उस दावत में कोई भी शामिल हो सकता था।
मैंने कभी किसी को मना किया ही नहीं।' '
सारा इंतजाम करने के बाद
मैं किसी काम से जंगल की ओर निकल गया।
जंगल में मुझे सूखी लकड़ियों का गट्ठर
सिर पर उठाए एक लकड़हारा आता मिला।
मुझे उस पर बहुत तरस आया।
उसका शरीर भी लकड़ियों की तरह सूखा हुआ था।'
मैंने अपना परिचय दिए बिनाही उससे कहा,
'भाई लकड़हारे,बेकार में ही लकड़ियों का बोझ
अपने सिर पर उठाए, क्यों मारे-मारे फिर रहे हो?
इससे अच्छा था कि हातिमके यहां चले जाते
और उसके द्वारा दी जा रही दावत में माल उड़ाते।'
लकड़हारे ने बड़ी सहजता से उत्तर दिया -
सुनिए साहब,
जो स्वाद अपनी मेहनत की कमाई से सिंकी रोटी में है,
वह हातिम के अहसान की आंच से सिंकी रोटी में नहीं।'
लकड़हारे की बात सुनकर मैं हतप्रभ रह गया।
मुझे लगा कि यह बहुत बड़ा इंसान है
और मैं उसके सामने बहुत ही बौना हूं।

तो मित्रों (My Dear Friend)
Life k pichhe bhago
Lanch k piche nahi
यही बात हमारे जीवन पर भी लागू होती है|
जब कोई परेशानी आती है तो इंसान घबराकर हार मान लेता है
लेकिन हमें बिना डरे प्रयास करते रहना चाहिए
यही इस कहानी की शिक्षा  है
और मैं आशा करता हूँ
मेरा इस कहानी को लिखना जरूर सार्थक होगा
Insha ALLAH

अवसर -Time, Moka

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अवसर -प्रेरक कहानी



एक बार एक ग्राहक चित्रो की दुकान पर गया ।
उसने वहाँ पर अजीब से चित्र देखे।
पहले चित्र मे चेहरा पूरी तरह बालो से ढँका हुआ था
और पैरोँ मे पंख थे।
एक दूसरे चित्र मे सिर पीछे से गंजा था।
ग्राहक ने पूछा – यह चित्र किसका है?
दुकानदार ने कहा – अवसर का ।
ग्राहक ने पूछा – इसका चेहरा बालो से ढका क्यो है?
दुकानदार ने कहा -क्योंकि अक्सर जब अवसर
आता है तो मनुष्य उसे पहचानता नही है ।
ग्राहक ने पूछा – और इसके पैरो मे पंख क्यो है?
दुकानदार ने कहा – वह इसलिये
कि यह तुरंत वापस भाग जाता है,
यदि इसका उपयोग न हो
तो यह तुरंत उड़ जाता है ।
ग्राहक ने पूछा – और यह दूसरे चित्र मे
पीछे से गंजा सिर किसका है?
दुकानदार ने कहा – यह भी अवसर का है ।
यदि अवसर को सामने से ही
बालो से पकड़ लेँगे तो वह आपका है ।
अगर आपने उसे थोड़ी देरी से
पकड़ने की कोशिश की तो
पीछे का गंजा सिर हाथ आयेगा
और वो फिसलकर निकल जायेगा ।
वह ग्राहक
इन चित्रो का रहस्य जानकर हैरान था
पर अब वह बात समझ चुका था ।
आपने कई बार दूसरो को ये कहते हुए सुनाहोगा
या खुद भी कहा होगा
कि ’हमे अवसर ही नही मिला’
लेकिन ये अपनी जिम्मेदारी से भागने
और अपनी गलती को छुपाने का बस एक बहाना है ।
भगवान ने हमे ढेरो अवसरो के बीच जन्म दिया है ।
अवसर हमेशा हमारे सामने से आते जाते रहते है
पर हम उसे पहचान नही पाते या पहचानने मे देर कर देते है ।
और कई बार हम सिर्फ इसलिये चूक जाते है
क्योकि हम बड़े अवसर के ताक मे रहते हैं ।
पर अवसर बड़ा या छोटा नही होता है ।
हमे हर अवसर का भरपूर उपयोग करना चाहिये ।

Dosto,
Ausar chhota ho ya bara Ausar-Ausar HOta hai
Rupya 1/- ho ya 1000/- ho wah Apne Aap me bahot BARA hai
Samay 1 Secend ho ya 1 Din ho Samay hota hai
Mouka(Ausar),Time Laut kar wapas nahi aata hai
Unse pucho samay ki kimat jinki train 1Secend k liye chhut jati hai,
Unse pucho samay jinki Sanse 1 Secend k liye chhut jati hai
Disto ,
Right Time is inesial face
Right Direction is Education
Education= Jankari
Jankari=kisi bhi kaam ka jankari lena
Sun kar, Dekh kar, Soch kar Ya Action se Education kahte hai!!!!!
और मैं आशा करता हूँ
मेरा इस कहानी को लिखना जरूर सार्थक होगा
Insha ALLAH

इसी पेड़ की तरह हमारे माता पिता भी होते ह

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एक बार की बात है
एक जंगल में सेब का एक बड़ा पेड़ था|
एक बच्चा रोज उस पेड़ पर खेलने आया करता था|
वह कभी पेड़ की डाली से लटकता
कभी फल तोड़ता कभी उछल कूद करता था,
सेब का पेड़ भी उस बच्चे से काफ़ी खुश रहता था|
कई साल इस तरह बीत गये|
अचानक एक दिन बच्चा कहीं चला गया
और फिर लौट के नहीं आया,
पेड़ ने उसका काफ़ी इंतज़ार किया
पर वह नहीं आया|
अब तो पेड़ उदास हो गया|
काफ़ी साल बाद वह बच्चा
फिर से पेड़ के पास आया
पर वह अब कुछ बड़ा हो गया था|
पेड़ उसे देखकर काफ़ी खुश हुआ
और उसे अपने साथ खेलने के लिए कहा|
पर बच्चा उदास होते हुए बोला
कि अब वह बड़ा हो गया है
अब वह उसके साथ नहीं खेल सकता| 
बच्चा बोला -
की अब मुझे खिलोने से खेलना अच्छा लगता है
पर मेरे पास खिलोने खरीदने केलिए पैसे नहीं है|
पेड़ बोला उदास ना हो तुम मेरे फल तोड़ लो
और उन्हें बेच कर खिलोने खरीद लो|
बच्चा खुशी खुशी फल तोड़ के ले गया
लेकिन वह फिर बहुत दिनों तक वापस नहीं आया|
पेड़ बहुत दुखी हुआ|
अचानक बहुत दिनों बाद
बच्चा जो अब जवान हो गया था वापस आया,
पेड़ बहुत खुश हुआ
और उसे अपने साथ खेलने के लिए कहा
पर लड़के ने कहा
कि वह पेड़ के साथ नहीं खेल सकता
अब मुझे कुछ पैसे चाहिए क्यूंकी मुझे अपने बच्चों के लिए घर बनाना है|
पेड़ बोला मेरी शाखाएँ बहुत मजबूत हैं
तुम इन्हेंकाट कर ले जाओ
और अपना घर बना लो|
अब लड़के ने खुशी खुशी सारी शाखाएँ काट डालीं
और लेकर चला गया|
वह फिर कभी वापस नहीं आया|
बहुत दिनों बात जब वह वापिस आया
तो बूढ़ा हो चुका था
पेड़ बोला मेरे साथ खेलो पर वह बोला
की अब में बूढ़ा हो गया हूँ
अब नहीं खेल सकता|
पेड़ उदास होते हुए बोला
की अब मेरे पास ना फल हैं और ना ही लकड़ी
अब में तुम्हारी मदद भी नहीं कर सकता|
बूढ़ा बोला -
की अब उसे कोई सहायता नहीं चाहिए
बस एक जगह चाहिए
जहाँ वह बाकी जिंदगीआराम से गुजर सके|
पेड़ ने उसे अपने जड़ मे पनाह दी
और बूढ़ा हमेशा वहीं रहने लगा|

प्रेरक कहानी

मित्रों,
इसी पेड़ की तरह हमारे माता पिता भी होते हैं,
जब हम छोटे होते हैं
तो उनके साथ खेलकर बड़े होते हैं
और बड़े होकर उन्हें छोड़ कर चले जाते हैं
और तभी वापस आते हैं
जब हमें कोई ज़रूरत होती है|
धीरे धीरे ऐसे ही जीवन बीत जाता है|
हमें पेड़ रूपी माता पिता की सेवा करनी चाहिए
ना की सिर्फ़ उनसे फ़ायदा लेना चाहिए|

और मैं आशा करता हूँ
मेरा इस कहानी को लिखना जरूर सार्थक होगा
Insha ALLAH

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