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Dard Bhari Shayari
दर्द भरी हिंदी शायरी
हम भी फूलों की तरह कितने बेबस हैं ,
कभी किस्मत से टूट जाते हैं ,
कभी लोग तोड़ जाते हैं...
उनकी नज़र में मेरी कदर कुछ भी नही मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नही हूँ मैं
Posted by . | | Category:
Dird bhari sayari
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comment plz

ठोकर ना लगा मुझे पत्थर नही हूँ मैं,
हैरत से ना देख कोई मंज़र नही हूँ मैं,
उनकी नज़र में मेरी कदर कुछ भी नही,
मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नही हूँ मैं|
...

बिछड़ के तुम से ज़िंदगी सज़ा लगती है,
यह साँस भी जैसे मुझ से ख़फ़ा लगती है ।
तड़प उठता हूँ दर्द के मारे,
ज़ख्मों को जब तेरे शहर की हवा लगती है।
अगर उम्मीद-ए-वफ़ा करूँ तो किस से करूँ,
मुझ को तो मेरी ज़िंदगी भी बेवफ़ा लगती है।...
...

तू मेरा सपना, मेरा अरमान है
पर..शायद तू अपनी अहमियत से अंजान है...|
मुझसे कभी भी रूठ मत जाना आप,
क्यूंकि मेरी दुनिया आप के बिना वेरान है...|
...
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